शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011

कांग्रेसी सियासत का शिकार होती अनाधिकृत कॉलोनियां

हिंदुस्तान में एक नहीं बहुत सी संस्कृतियाँ मौजूद  है. हर १०० किलोमीटर पर भाषा बदल जाती हैं ,यह बिलकुल सच है लेकिन इससे भी बड़ा सत्य इस देश की राजनीति का हैं, दरअसल भाषा के साथ साथ हर १०० किलोमीटर पर राजनीतिक हवा भी बदल जाती हैं. विकास की हवा के साथ सत्ता में पहुचे नीतीश कुमार भले ही जातीय राजनीति को नकार रहे हो लेकिन यह सच हैं जिस तबके ने लगातार दूसरी बार बिहार में नीतीश को सत्ता की चाबी देकर कांग्रेस के राहुल (युवा) कार्ड को नकारते हुए कांग्रेस को मुह के बल गिराया वो ही दिल्ली में कांग्रेस की शीला सरकार को सत्ता का सुख दे रहे  हैं महज यह एक उदहारण है समूचे भारत में ऐसे कई उदहारण मिल जाएँगे जो यह साबित करते है हमारी भारतीय राजनीति में जातीय और मुद्दों के कॉकटेल की मांग बहुत हैं. 
                   
आगामी  दिल्ली नगर निगम चुनाव नजदीक हैं इसलिए दिल्ली की सियासत में हलचल होना लाज़मी हैं. हमेशा की तरह कांग्रेस ने एक बार फिर "अनाधिकृत कॉलोनी" कार्ड खेलना शुरू कर दिया आखिर क्यों न खेले दिल्ली की सियासत को तय करने में इन्ही अनाधिकृत कॉलोनियो की भूमिका रही हैं. शीला सरकार की इस परिसनूमा दिल्ली में आज भी १५०० से ज्यादा अनाधिकृत कालोनिया है जिसमे रोजगार की तलाश में आए बिहार, उत्तर प्रदेश के वे लोग रहते  हैंजिन्होंने नितीश को बिहार में सत्ता दिलवाई. समूचे भारत में भले ही राजनीतिक पार्टिया मुस्लिम, पिछड़े, दलित वोट बैंक को बनाने की कवायद में रहती हो लेकिन राजधानी दिल्ली में इन प्रवासी वोट बैंक की क्या कीमत हैं यह कांग्रेस अच्छे से जानती हैं असल में, कांग्रेस ने इंदिरा गाँधी के समय ७०के दशक में ही इन अनाधिकृत कॉलोनियो को उस दौर में नियमित करके अपने वोट बैंक को बनाया था, गरीबी हटाओ का नारा लगाकर इंदिरा ने इस खास तबके में अच्छी पेठ बनाई थी तब से दिल्ली की राजनीति इन्ही प्रवासियों पर निर्भर रही हैं अब जब पुरे देश भर में कांग्रेस बैकफूट पर हैं कांग्रेस ने इन कॉलोनियो को पास करने की झूठी मुहीम छेड़ दी हैं बाकायदा इस बार कमेटी भी गठित कर दी. वही दसूरी तरफ वेश्या, ब्रहमन के वोट बैंक में उलझी विपक्षी पार्टी भाजपा भी कांग्रेस के इस वोट बैंक में सेंध लगाने की जुगत में सड़क पर चिल्ला रही हैं  खैर भारतीय राजनीत ऐसे ही चलती है दरअसल दिल्ली की ७०विधान सभा सीटो में से अकेले ३०सीटे इन्ही अनाधिकृत कॉलोनियो में आती है जिसका लाभ हमेशा कांग्रेस को खूब मिलता रहा कांग्रेस ने शुरू से ही आम आदमी का नारा लगाकर विकास की बात कहकर इन (रोजगार की तलाश में आये उत्तर प्रदेश,बिहार) लोगो को बेवकूफ बना कर दिल्ली की सियासत पर कब्ज़ा बनाए रखा.
             
                         यही नहीं २००९ के आम चुनाव के दौरान सोनिया गाँधी ने इन कॉलोनियो को पास करने का लालच देकर प्रोविस्नल कार्ड तक बात डाले थे लेकिन तब से स्तिथि कमोबेश वैसी ही हैं वास्तव में यह कालोनिया शुरू से ही दिल्ली की राजनीति का फैसला करती रही. दिल्ली को परिस बनाने का संकल्प लेने वाली दिल्ली की शीला सरकार की सत्ता का राज यही भोले भाले लोग रहे, ४०साल पहले से बनी ये कॉलोनियो आज भी विकास की राह देख रही हैं लेकिन हर बार चुनाव से पहले इन्हें विकास का झुनझुना पकड़ा दिया जाता हैं देखा जाए तो इन्हें पास(विकास) न करने के पीछे हमारी राजनीतिक व्यवस्था की साजिश रही हैं क्योकि हमारे नेता जानते हैं इन्हें मुख्यधारा की कॉलोनियो से जोड़ने से उनका जनाधार चला जाएगा. भले ही भाजपा का इन तबको में जनधार न रहा हो लेकिन भाजपा ने भी सत्ता में रहते हुए कांग्रेस की ही विकास(पास) न करने की परम्परा को जारी रखा. अब जब निगम में सत्तारूढ़ भाजपा को अपना किला(निगम सचिवालय) छीने जाने का डर सता रहा हैं तो वह भी कांग्रेस की तरह इन कॉलोनियो के लोगो को विकास की काल्पनिक तस्वीर दिखा रही हैं वास्तव में दोनों ही पार्टियों में इस मुद्दों को सुलझाने का राजनीतिक साहस दिखाई नहीं देता लेकिन सबसे ज्यादा जिम्मेदार कांग्रेस रही हैं इनकी राजनीति का अगर कोई शिकार हो रहा है तो ये लोग ही हैं.
                       "गरीबी मिटाओ" से शरू हुआ कांग्रेस का यह सफ़र "कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ" तक पहुच गया हैं लेकिन कांग्रेस के इन नारों से इन लोगो की  न गरीबी ख़त्म हुई और न मदद का हाथ इनके पास तक पहुच सका लेकिन इन सबके बीच सियासी सफ़र जारी है.......................... 

5 टिप्‍पणियां:

Y K SHEETAL ने कहा…

अखवार में एक फोटो आई है जिसमे कोई बुढहा नेता शीला के पैर छू रहा है. इस पर भी एक लेख लिखिए सर .

TARUN VATS ने कहा…

बिलकुल ठीक कहा है भाई,
अब तो भोली जनता को ठगना आसान सा लगने लगा है इन नेताओं को..!!
वैसे भी अपने देश का प्रधान मंत्री भी गठबंधन की सरकार का हवाला देकर भ्रष्टाचार को सही ही मान रहे हैं..!!

Eddie ने कहा…

thik kha bhaijaan :)

bharti.sulania ने कहा…

bahoot ache likha hai rohit, jo likha hai wo bilkul sach hai. bahoot ache...mare taraf se 100 marks..

NIHAL SINGH ने कहा…

me bhi is mudde ko kai baar soch soch kar sant ho jata hu.... lekin har baar congress ne in colony k naam par loly pop baat deti hai or fir janta us loly pop ko chusti hai fir ye siyashi log janta ka khoon chuste hai.. bhaut badia post aabhaar va subhkaamnaye..